मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू और राज्य सरकार भंग
हमें यह जानकारी बताते हुए अत्यंत दुख हो रहा कि भारत के मणिपुर राज्य की सरकार कानून व्यवस्था बनाने में फिफल हो गई और अतंत वहां संवैधानिक आपात लगाने की नौबत आ गई और 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय आपात लागू हो गया।
भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मणिपुर राज्य में लागू किया संवैधानिक आपात
गृह मंत्रालय द्वारा घोषित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी 2025 को लागू कर दिया गया है। यह निर्णय मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के हाल ही में इस्तीफा देने के बाद लिया गया है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में लगाया गया संवैधानिक आपातकाल, केंद्र को उस स्थिति में नियंत्रण में लेने की अनुमति देता है जब कोई राज्य सरकार संवैधानिक रूप से कार्य करने में विफल हो जाती है। या संविधान के विपरित कोई कार्य करती है।
इस नियम के तहत, राज्य की शक्तियाँ केंद्र सरकार के पास आ जाती हैं केन्द्र सरकार ये शाक्तियों राज्यपाल को सौपती है। और विधायी कार्य संसद को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं, हालाँकि उच्च न्यायालय अप्रभावित रहते हैं। 1950 से अब तक 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 134 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। मणिपुर और उत्तर प्रदेश में इसे सबसे अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है, जबकि जम्मू और कश्मीर में सबसे लंबी अवधि, 12 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्रपति शासन का रिकॉर्ड है।
2023 में मैतेई समुदाय और कुकी-ज़ो जनजातियों के बीच भड़की जातीय हिंसा के परिणामस्वरूप 250 से अधिक मौतें हुईं और बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। इन दोनों समुदायों में जातीय भड़काव उत्पन्न हुआ और हिंस्सा का कहर और अधिक होता गया जिससे मणिपुर सरकार शान्ति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही और अन्त में 13 फरवरी 2025 को मणिपुर राज्य में राष्ट्रीय आपात लागू हो गया और वहां की सरकार भंग हो गई।
भारत में राष्ट्रपति शासन की संवैधानिक स्थिति:- अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र सरकार इस कर्तव्य के लिए विवश करता है कि प्रत्येक राज्य सरकार संविधान की प्रबंध व्यवस्था के अनुरूप ही कार्य करेगी। इस कर्तव्य के अनुपालन के लिए केन्द्र सरकार, अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने पर राज्य सरकार को अपने नियंत्रण में ले सकते हैं। इसे सामान्य रूप में राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है। तथा इसे राज्य आपात या संवैधानिक आपातकाल के रूप में जाना जाता है।
राष्ट्रपति शासन अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत मुख्य रूप से दो आधारों पर लगाया जाता है एक तो अनुच्छेद 356 में ही उल्लेखित है और दूसरा अनुच्छेद 365 में:
1. अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को घोषणा जारी करने का अधिकार देता है यदि वह आश्वस्त हैं कि वह स्थिति आ गई है कि राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल रही है राष्ट्रपति राज्य के राज्यपाल या किसी अन्य तरीके से राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
2.अनुच्छेद 365 के अनुसार यदि कोई राज्य केन्द्र द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने या उसे प्रभावी बनाने में विफल रहता है त़ो ऐसी स्थिति में वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
ऊपर बताई गई मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से संबंधी जानकारी आपको कैसी लगी हमें काॅमेंट बाक्स में जरूर बताएं।
धन्यवाद