ias salary per month के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नानुसार है ias salary per month यानि भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की आय होती है जो काफी अच्छी होती है। आईएएस की फुल फॉर्म इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) है जो कि भारत की सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा मानी जाती है इस पद पर पहुंचने के लिए लाखों भारतीय युवाओं का सपना होता है लेकिन पोस्ट लिमिटेड होती है इसलिए कुछ ही युवाओं को इस पोस्ट पर पहुंचने का मौका मिलता है।
IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है और कैबिनेट सचिव के पद तक पहुंचते ही 2,50,000 रुपये तक हो जाती है यह सैलरी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर लागू की गई है और इसमें बेसिक पे, डियरनेस अलाउंस (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस शामिल हैं ।
IAS अधिकारी की सैलरी संरचना :-(ias salary per month)
- प्रवेश स्तर :- शुरुआत में एक आईएएस अधिकारी की तनख्वाह 56,100 रुपये प्रति माह होती है और धीरे-धीरे इनकी तनख्वाह में वृद्धि होती रहती है,जब एक आईएएस अधिकारी सीनियर लेवल पर पहुंचता है तब इनकी सैलरी काफी बढ़ जाती है।
- मध्य स्तर :- एक आईएएस अधिकारी की तनख्वाह 78,800 रुपये प्रति माह होती है जब उनके सेवा काल का समय 9-12 वर्ष हो जाते है।
- उच्च स्तर :- एक आईएएस अधिकारी की तनख्वाह 2,50,000 रुपये प्रति माह होती है जब वह कैबिनेट सचिव के पद पर या उसके समकक्ष पद पर पहुंच जाता है।
- इसके अलावा, IAS अधिकारियों को अन्य लाभ भी मिलते हैं जैसे कि –
- मुफ्त आवास- आईएएस अधिकारियों के रहने के लिए सरकार द्वारा मुफ्त में घर, ख़ाना बनाने के लिए नौकर, फाइलों का काम करने के लिए स्टाफ तथा अन्य कर्मचारी भी मिलते हैं।
- यात्रा भत्ता :- आईएएस अधिकारियों को यात्रा और अन्य सुविधाएं भी मिलती है।
- चिकित्सा सुविधाएं :- यदि एक आईएएस अधिकारी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है तो उन्हें बिना ओपीडी पर्ची लिए सीधा ईलाज किया जाता है और वो भी निःशुल्क में।
- पेंशन और रिटायरमेंट लाभ – जब एक आईएएस अधिकारी रिटायरमेंट होता है उसके बाद भी उन्हें पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ मिलता है।
- इनके बच्चों को विशेष अधिकारों के साथ शिक्षा :- एक आईएएस अधिकारी के बच्चों विशेष शिक्षा मिलती है।
आईएएस बनने के लिए योग्यता :- भारत में आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए।
1. आयु सीमा:- 21 से 32 वर्ष सामान्य श्रेणी और क्रिमिलियर श्रेणी में आने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है और सामान्य श्रेणी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों की आयु सीमा 35 वर्ष तथा एससी/एसटी श्रेणी के अभ्यर्थियों की आयु सीमा 37 वर्ष निर्धारित की गई है।
2. शिक्षा:- स्नातक डिग्री या समकक्ष योग्यता यानि भारत में केंद्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त महाविद्यालय/विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो। चाहे किसी भी विषय में ग्रेजुएट किया हो ,इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता।
3. नागरिकता :– भारत का नागरिक होना चाहिए।
अगर आप भारत में रह रहे हो और भारत का नागरिक नहीं हो तो आप आईएएस नहीं बन सकते, आईएएस बनने के लिए भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
ऊपर बताई गई योग्यताएं जिस व्यक्ति में होती है वो आईएएस परीक्षा का फाॅर्म भर सकते है लेकिन फाॅर्म भरने के बाद उन अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा एग्जाम आयोजित करवाया जाता है उन एग्जाम के मुख्य रूप से तीन चरण होते हैं और अभ्यर्थियों को उन तीनों चरणों से सफलतापूर्वक गुजरना पड़ता है और नीचे उन तीनों चरणों के बारे में विस्तार से बताया गया हैं-
1. प्रारंभिक परीक्षा :- प्रारंभिक परीक्षा यह तय करती है कि कुल वैंकेसी के कितने प्रतिशत अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में बैठेंगे। प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं और दोनों पेपर 200-200 नंबरों के होते हैं जिनमें से एक पेपर सामान्य ज्ञान का और दूसरा पेपर सी-सैट का होता है। सामान्य ज्ञान वाले पेपर में कट-ऑफ नंबर से ज्यादा नंबर लाना होता है ताकि हम मुख्य परीक्षा में बैठ सके और सी-सैट पेपर में 33% नंबर लाना अनिवार्य होता है ताकि हम सी-सैट पेपर को क्वालीफाई कर सके। सी-सैट पेपर सिर्फ क्वालीफाई करना होता है जिसमें सिर्फ 33% नंबर प्राप्त करने पर वह पेपर क्वालीफाई हो जाता है। अगर हम ये दोनों पेपर सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो हमें आईएएस मैन्स परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल जाती है।
2. मुख्य परीक्षा :- यह आईएएस का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है इसे पास करने पर अभ्यर्थी के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है तथा यह चरण किसी अभ्यर्थी के सफलता का मूल आधार होता है। आईएएस मुख्य परीक्षा में सामान्य ज्ञान 4 पेपर, वैकल्पिक विषय के 2 पेपर और निबंध के 2 पेपर होते हैं। कुल 8 पेपर होते हैं आईपीएस मुख्य परीक्षा में।
आईएएस मुख्य परीक्षा में पेपरों के नंबर- सामान्य ज्ञान के 4 पेपर होते हैं जिसमें से प्रत्येक पेपर 250 नंबर के होते हैं और उसमें 20 प्रश्न आते हैं जिनमें से 10 प्रश्न 10-10 नंबर के और 10 प्रश्न 15-15 नंबर के होते हैं।
इस प्रकार आईएएस मुख्य परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 4 पेपरों के नंबर- 1000 होते हैं।
वैकल्पिक विषय के दो पेपर होते हैं और दोनों पेपर 250-250 के होते हैं और दोनों पेपर कुल नंबर 500 के होते हैं।
निबंध- निबंध के भी दो पेपर होते हैं और दोनों पेपरों में कुल 8 निबंध पूछे जाते हैं उन 8 निबंधों में से आपको 2 निबंध लिखने होते हैं और प्रत्येक निबंध के 125 नंबर होते हैं और दोनों निबंधों के कुल नंबर 250 होते हैं।
- आईएएस मुख्य परीक्षा के नंबरों का योग – सामान्य ज्ञान पेपर- 1000 मार्क्स
- वैकल्पिक विषय के पेपर – 500 मार्क्स
- निबंध के पेपर – 250 मार्क्स
- कुल नंबर – 1750 (आईएएस लिखित मुख्य परीक्षा के।)
3. साक्षात्कार (इंटरव्यू) :- यह आईएएस अधिकारी बनने का अंतिम पड़ाव होता है। अगर कोई भी अभ्यर्थी साक्षात्कार में ज्यादा नंबर प्राप्त करता है जो उसकी अच्छी रैंक आने की संभावना बढ़ जाती है। तथा अभ्यर्थी की रैंक में साक्षात्कार वाला चरण अहम योगदान रखता है। साक्षात्कार कुल 275 नंबरों का होता है जो आईएएस बनने की रैंक तय करने में महत्वपूर्ण योगदान अदा करता है। साक्षात्कार में अभ्यर्थी की सोच और उनका दृष्टिकोण को परखा जाता है ताकि बड़े अधिकारी देश के हित में कल्याणकारी कार्य कर पाए और देश रामराज्य की अवधारणा कि और अग्रसर हो सके।
ऊपर बताई गई ias salary per month और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी काॅमेंट बाॅक्स में जरूर बताएं।
धन्यवाद।