GST ka full form तथा CGST और SGST की full form इस प्रकार हैं
GST full form is – Goods and Services Tax.
CGST full form is – Central Goods and services Tax.
SGST full form is – State Goods and services Tax.
GST full form in hindi language – वस्तु एवं सेवा कर :- भारत में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं पर जो कर (tax ) लगाया जाता है उसे ही GST कहते है।
CGST full form in hindi language – केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर :- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर का अर्थ यह है कि भारत में किसी भी वस्तु एवं सेवा का उत्पादन होता है उस पर कर केंद्र सरकार लगाएगी, जो जीएसटी के नियमानुसार वस्तु एवं सेवा पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आते हैं।
SGST full form in hindi language– राज्य वस्तु एवं सेवा कर :- भारत में किसी भी वस्तु एवं सेवा का उत्पादन किया जाएगा उस पर कर राज्यों की सरकारें अपने अपने क्षेत्राधिकार के अनुसार लगाएगी जो जीएसटी के नियमानुसार वस्तु एवं सेवा पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आते हैं।
नोट:- SGST के अन्तर्गत आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं उस पर सीधे तौर से राज्य सरकार कर नहीं लगाती है बल्कि कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है और केंद्र सरकार के पास जिस राज्य का जितना कर प्राप्त होता है उस राज्य को केन्द्र सरकार के द्वारा दिया जाता है। इस प्रकार की व्यवस्था SGST कहलाती है।
GST के बारे में विस्तृत जानकारी :-
भारत में GST की शुरुआत कब की गई :- भारत में GST की शुरुआत 1 जुलाई 2017 को की गई। यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसे 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से ‘एक राष्ट्र एक कर’ के नारे के साथ भारत में लागू किया गया था।
जीएसटी में विभिन्न प्रकार के सामानों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं। सामान बेचने वाले की प्रकृति के आधार पर जीएसटी की दर लगायी जाती है। जीएसटी के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब में 0%, 5%, 18% और 28% शामिल हैं। कुछ वस्तुओं को जीएसटी से बहार रखी है। वर्ष 2017 में जीएसटी वाली कर प्रणाली पूरी तरह से लागू हो गई थी। किसी भी व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए जीएसटी को समझना बेहद ही हमहत्वपूर्ण है।
भारत में GST (वस्तु एवं सेवा कर) क्यों लागू किया गया :-
- पूरे भारत में एक कर प्रणाली हो
- अप्रत्यक्ष कर में पार्दर्शिता लाने हेतु
- भारत में पहले से मौजूद छोटे छोटे करों को मिलाकर उन्हें एक प्रणाली के रूप में जोड़ना जैसे – वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क आदि।
- इस प्रणाली से किसी भी वस्तु एवं सेवा पर कर पर कर नहीं लगेगा जिससे उपभोक्ताओं को वस्तु एवं सेवा सस्ती मिलेंगी जिससे महंगाई कम होगी।
- भारत में अब बिना कर चुकाए कोई भी व्यक्ति बसना लगभग संभव नहीं है जिससे देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और देश विकास के पथ पर और तेज गति से अग्रसर होगा।
- इस प्रणाली से देश और देश के उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। जिससे देश का विकास और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
GST परिषद :- GST परिषद एक संवैधानिक संस्था है जो भारत में GST के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर अनुशंसा करने के लिये उत्तरदायी है।
संशोधित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279A (1) के तहत, GST परिषद का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया गया है।
अब एक उदाहरण के माध्यम से जीएसटी समझते हैं :-
उदाहरण:- राजस्थान में एक व्यापारी ने 5,000 रुपये में उस राज्य में उपभोक्ता को माल बेच दिया। जीएसटी की दर 18% है जिसमें 9% सीजीएसटी दर और 9% एसजीएसटी दर शामिल है। ऐसे मामले में डीलर 900 रूपए जमा करता है और इस राशि में 450 रुपए केंद्र सरकार के पास जाएंगे और 450 रुपए राजस्थान सरकार के पास जाएंगे। इसलिए अब डीलर को आईजीएसटी के रूप में 900 रूपये चार्ज करना होगा। अब सीजीएसटी और एसजीएसटी को भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
GST में पंजीकरण करने हेतु आवश्यक कागजात :-
पासपोर्ट साइज फोटो :- अपना पासपोर्ट साइज का फोटो ताकि पहचान के संबंध में बहुत ही आवश्यक माना जाता है।
करदाता का संविधान :- कर अदा करने वाले का बायोडाटा जिससे उनकी जानकारी प्राप्त हो सके।
व्यापार की जगह के सबूत :- आप जिस भी जगह पर व्यापार करते हैं वहां की जानकारी के लिए सबूत से संबंधित कागजात मौजूद होना आवश्यक है।
बैंक खाता विवरण :- बैंक अकाउंट की जानकारी यानि बैंक स्टेटमेंट जो आपके पिछले 6/12 माह का रिकॉर्ड बतायेगा कि आप कितनी लेन-देन करते हैं।
प्राधिकरण फार्म :- इस संबंध में आप जीएसटी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
दोस्तों, ऊपर बताई गई जीएसटी के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी काॅमेंट बाॅक्स में जरूर बताएं। धन्यवाद