MSP full form

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msp full form in english language –  Minimum Support Price

msp full form in hindi language – न्युनतम समर्थन/सहायता मूल्य। 

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एमएसपी क्या है ?

भारत सरकार भारतीय किसानों को फ़सल बोने के लिए प्रेरित करती है इस शर्त पर की तुम फ़सल बोओ और हम आपको कम से कम इस कीमत पर आपसे खरीद लेंगे। ताकि खेती करने वाले किसान खेती करते हैं और जब उनकी फ़सल अच्छी मात्रा में हो जाती है तो बाजार में उस फ़सल की कीमत कम हो जाती है जिससे किसान निराश और हत्थाश हो जाते हैं और फिर किसानों का खेती करने का मन भी नहीं करता हैं।

एमएसपी की शुरुआत क्यों ?

भारत जब स्वतंत्रता हुआ उस समय देश की स्थिति खाद्य सुरक्षा के मामले में बहुत कमजोर थी लेकिन भारत सरकार का एक सपना था कि भारत को खाद्य मामले में आत्मनिर्भर बनना है। भारत सरकार ने देश का विकास करने के लिए 5 सालों की अवधि का लक्ष्य रखा जिसे पंचवर्षीय योजना कहा जाता था लेकिन इसे 2014 में मोदी सरकार ने बंद कर दिया और उसकी जगह नीति आयोग का गठन किया गया जिसकी अवधि 15 वर्ष की होती है।

प्रथम पंचवर्षीय योजना में भारत को खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना था इस हेतु भारत सरकार ने किसानों के हित में कल्याणकारी योजना बनाई और कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को विकसित किया गया, फिर जाके भारत में हरित क्रांति का उदभव हुआ।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब भारत में हरित क्रांति आई और किसानों की फसल बड़ी मात्रा में पैदा होने लगी तो दुविधा यह उत्पन्न होने लगी कि उत्पादन बढ़ता है तो उस उत्पाद की कीमत घटती है।

जब किसानों की फसल ज्यादा मात्रा में पैदा हुई तब उनकी फ़सल की कीमत कम हो गई और किसान निराश हो गए  और खेती पर ध्यान देना कम कर दिया लेकिन ऐसे में सरकार ने कदम उठाया कि किसान अपनी फसल बोने से पहले ही हम किसानों को एक तय कीमत पर फ़सल बोने का वादा करेंगे कि अगर आपकी फ़सल हमारे द्वारा तय की गई कीमत पर बाजार में आपकी फ़सल नहीं खरीदता है तो तय की गई कीमत पर हम आपकी फ़सल खरीदेंगे।

भारत में एमएसपी के अंतर्गत फ़सलें:- 

भारत में फ़िलहाल 23 फ़सलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू है
  • 7 अनाज: धान, गेहूं, जौ, बाजरा, रागी, मक्का
  • 5 दालें: मूंग, अरहर, चना, उड़द, मसूर
  • 7 तिलहन: सोयाबीन, कुसुम, मूंगफली, तोरिया-सरसों, तिल, सूरजमुखी, नाइजर बीज
  • 4 कमर्शियल फ़सलें: कपास, खोपरा, गन्ना, कच्चा जूट
    कृषि लागत और मूल्य आयोग, कृषि और सहकारिता विभाग की सिफ़ारिशों के आधार पर, फ़सलों की बुआई के मौसम से पहले MSP घोषित करता है. सरकार किसानों से उनकी फ़सल खरीदने की गारंटी देती है।
    सरकार ने खरीफ़ सीज़न 2024-25 के लिए 14 फ़सलों पर MSP को मंज़ूरी दी है. इनमें धान और कपास जैसी फ़सलें शामिल हैं. 
    दोस्तों, ऊपर बताई गई जानकारी आपको कैसी लगी काॅमेंट बाॅक्स में जरूर बताएं।

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