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SSP का फुल फॉर्म – Senior Superintendent of Police (सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस)
हिंदी भाषा में इसे ‘ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक’ कहते है।
SSP एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पद है जो जिले की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा का प्रमुख होता है।
SSP बनने की प्रक्रिया :-
1.शिक्षा संबंधी योग्यता :- स्नातक उत्तीर्ण यानि ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। ( किसी भी मान्यता प्राप्त महाविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री हासिल की होनी चाहिए।) चाहे किसी भी वर्ग या विषय से ग्रेजुएट की हो इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता।
2. SSP बनने के लिए :– ssp बनने के लिए ग्रेजुएशन के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है। ये सिविल सेवा परीक्षा मुख्य रूप से तीन चरणों में ‘संघ लोक सेवा आयोग‘ द्वारा आयोजित करवाई जाती है। तथा उन तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पास करना अनिवार्य होता है।
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims exam) :- इसमें सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के ही होते हैं तथा इसमें दो पेपर होते हैं जो कि कट ऑफ नंबर से ज्यादा नंबर प्राप्त करने पर आप इस परीक्षा को पास कर मैन्स परीक्षा के लिए योग्य बन जाते हैं। आईएएस प्रिलिमस परीक्षा भारत की सबसे कठोर परीक्षा में से एक है।
- मुख्य परीक्षा (Mains exam) :– इसमें लिखित परीक्षा होती हैं, इसमें 9 पेपर होते हैं, जिसमें निबंध, वैकल्पिक विषय, सामान्य अध्ययन, और भाषाएं आधारित दीर्घ प्रश्न होते हैं। इस परीक्षा में सबसे ज्यादा चुनौती लिखने की होती है जो कि 3 घंटे में 4000 शब्द लिखने होते हैं जो इस प्रकार की चुनौती अपने आप में काफी मुश्किल है।
- साक्षात्कार (Interview): उपर्युक्त परीक्षाएं उत्तीर्ण व्यक्ति का व्यक्तित्व परीक्षण और उनकी सोच की समझ का साक्षात् परिक्षण किया जाता हैं । ताकि व्यक्ति की मानसिक रूप से पहचानने की कोशिश की जाती है कि वह किहीं भ्रष्ट तो नहीं है इस प्रकार इंटरव्यू के माध्यम से व्यक्ति को नैतिक रूप से समझदार बनाने की कोशिश की जाती है। ताकि देश का भविष्य इन्हीं अफसरों के हाथों में होता है।
3. सिविल सेवा परीक्षा :- सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्राप्त रैंक के आधार पर अभ्यर्थी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चुना जाता है। यदि उनकी रैंक आईपीएस बनने की श्रेणी के अंतर्गत आती है तो वह भारतीय पुलिस सेवा में जा सकता है।
4.चयन हो जाने के बाद :- आईपीएस परीक्षा में सफल हो जाने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से काफी कठोर होता है। यह प्रशिक्षण केंडिडेट को मानसिक रूप से तथा शारीरिक रूप से काफी सशक्त बनाता है। फिर देश की सेवा में इस प्रकार का मानसिक और शारीरिक निवेश देश की नींव मजबूत करने में अहम भूमिका अदा करता है।
इसमें फिजिकल फिटनेस, लॉ एंड ऑर्डर मैनेजमेंट, फायरिंग, कानून, आचार संहिता, और पुलिसिंग से जुड़ी विभिन्न तकनीकी और प्रबंधन कौशल सिखाई जाती हैं।
5. प्रारंभिक नियुक्ति :- प्रारंभिक नियुक्ति के बाद शुरुआत में उन्हें ASP (Superintendent of Police) के रूप में नियुक्त किया जाता है। इसके बाद अनुभव और अच्छा प्रदर्शन करने के आधार पर पदोन्नति के द्वारा आप Sp और लगभग 5- 9 साल के बाद SSP के पद पर पहुंच सकते हैं। इस आगे प्रमोशन होते रहते हैं जैसे – DIG,IG, ADGP तथा DGP इत्यादि पदों पर प्रमोशन होता है तथा एक आईपीएस अधिकारी का सर्वोच्च प्रमोशन DGP पोस्ट पर होता है।
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